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'हनुमान से बने रावण'

प्रशांत पांडेय पाकिस्तान के कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना पर जसवंत सिंह ने लिखा क्या कि बीजेपी से उनकी विदाई हो गई। पार्टी रहनुमाओं ने एक पल के लिए ये भी नहीं सोचा कि तीस साल से पार्टी की सेवा कर रहे जसवंत सिंह से एक बार पूछा जाए। कभी पार्टी के संकटमोचक रहे जसवंत सिंह को पल भर में ही रावण बना बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जसवंत को पार्टी से बाहर होने का मलाल तो है ही। उन्हें ये बात ज्यादा दर्द दे रही है कि बिना किसी औपचारिकता के फोन पर ही पार्टी से निकालने का फरमान सुना दिया गया। आम आदमी हो या फिर कोई बड़ी शख्सियत अपनों से जुदा होने का दर्द तो सालता ही है, और जसवंत सिंह का तो बीजेपी से तीस सालों का रिश्ता रहा है। ऐसे में जसवंत इस अचानक आए फैसले को पचा नहीं पा रहे हैं। जसवंत का ये दर्द पार्टी के फैसले के बाद उनके प्रेस कांफ्रेंस में नजर आया। उन्हें देखकर लगा कि तेज तर्रार और हमेशा एनर्जी से भरपूर रहनेवाला शख्स अचानक से बुढ़ा हो गया है। थक गया है। अब वो और बोझ नहीं ढो सकता। हालांकि अनुशासन के दायर में हमेशा जीने वाले जसवंत सिंह ने इस मौके पर भी अनुशासन को सर्वोपरि रखा और पार्टी के

पप्पू कौन? वोटर या चुनाव व्यवस्था?

प्रशांत पांडेय अगर आप भारत के नागरिक हैं और लोकसभा चुनावों में वोट डालने नहीं जाते हैं, तो आप पप्पू हैं, ये हम नहीं कह रहे चुनाव आयोग की ओर से जारी सारे विज्ञापनों में यही बताने की कोशिश की गई है... लेकिन आप अगर पोलिंग बूथ पर जाएं, आपके पास मतदाता पहचान पत्र भी हो और पिछले कई चुनावों से आप वोट डालते रहे हों, और तब भी आपको वोट देने का मौका नहीं मिले, तो आप क्या कहेंगे। पप्पू कौन? इससे भी बड़ी बात तो ये कि आप उस जगह के स्थायी निवासी हों, आपके नाम पर एक अदद घर भी हो, आपके नाम से बिजली विभाग ने मीटर लगा रखा हो,आप करीब 9 साल से एक ही जगह पर रह रहे हों, आप कई बार वोट डाल चुके हैं और तब भी आपका नाम वोटर लिस्ट से गायब हो, तब भी क्या आप पप्पू कहलाएंगे। एक और दृश्य-आप बिना वोट डाले लौटकर घर आ रहे हों और आपकी बिल्डिंग की कभी रखवाली करने वाला एक नेपाली चौकीदार रास्ते में मिल जाए और ये कहे, कि सर, वोटर लिस्ट में हमारा भी नाम है, तब आपको कैसा लगेगा? जी हां, मैं किसी और की नहीं अपनी आपबीती बयान कर रहा हूँ। गुरुवार 7 मई को चौथे चरण में गाजियाबाद में वोट डाला गया। एक पढ़ा-लिखा शहरी होने के ना

अविराम... प्रगति पथ पर अग्रसर