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पप्पू कौन? वोटर या चुनाव व्यवस्था?

प्रशांत पांडेय अगर आप भारत के नागरिक हैं और लोकसभा चुनावों में वोट डालने नहीं जाते हैं, तो आप पप्पू हैं, ये हम नहीं कह रहे चुनाव आयोग की ओर से जारी सारे विज्ञापनों में यही बताने की कोशिश की गई है... लेकिन आप अगर पोलिंग बूथ पर जाएं, आपके पास मतदाता पहचान पत्र भी हो और पिछले कई चुनावों से आप वोट डालते रहे हों, और तब भी आपको वोट देने का मौका नहीं मिले, तो आप क्या कहेंगे। पप्पू कौन? इससे भी बड़ी बात तो ये कि आप उस जगह के स्थायी निवासी हों, आपके नाम पर एक अदद घर भी हो, आपके नाम से बिजली विभाग ने मीटर लगा रखा हो,आप करीब 9 साल से एक ही जगह पर रह रहे हों, आप कई बार वोट डाल चुके हैं और तब भी आपका नाम वोटर लिस्ट से गायब हो, तब भी क्या आप पप्पू कहलाएंगे। एक और दृश्य-आप बिना वोट डाले लौटकर घर आ रहे हों और आपकी बिल्डिंग की कभी रखवाली करने वाला एक नेपाली चौकीदार रास्ते में मिल जाए और ये कहे, कि सर, वोटर लिस्ट में हमारा भी नाम है, तब आपको कैसा लगेगा? जी हां, मैं किसी और की नहीं अपनी आपबीती बयान कर रहा हूँ। गुरुवार 7 मई को चौथे चरण में गाजियाबाद में वोट डाला गया। एक पढ़ा-लिखा शहरी होने के ना