रश्मि प्रशांत झारखंड यूं तो दुनिया में कोयला समेत अनेक खनिज संपदाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन धार्मिक स्थलों के लिए भी ये राज्य काफी मशहूर है। हालांकि यहां कई प्रमुख धार्मिक स्थान हैं, जहां सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है। लेकिन सावन में यहां का महत्व कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है। इसकी वजह है राज्य के देवघर में स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा वैद्यनाथ का मंदिर। दरअसल, देवघर का शाब्दिक अर्थ होता है देवताओं का घर। यहां सावन के महीने में हर साल स्रावणी मेला लगता है। इस मौके पर लाखों भक्त बोल-बम! बोल-बम! का जयकारा लगाते वैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं और बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं। ये परंपरा काफी पुरानी है। सभी भक्त देवघर से 105 किलोमीटर दूर स्थित सुल्तानगंज से गंगाजल भर कर बाबा वैद्यनाथ के दरबार में पैदल ही पहुंचते हैं। सामान्य भक्त तो इस यात्रा को बीच-बीच में विश्राम कर पूरी करते हैं, तो वहीं कुछ भक्त जल भरने के बाद बिना कहीं रुके सीधे बाबा वैद्यनाथ को जल चढ़ाते हैं। इन्हें डाक-बम कहा जाता है। देवघर पहुंचने वाले भक्तों में बिहार-झारखंड ही नहीं देश और दुनिया के दू...