प्रशांत पांडेय सऊदी अरब में फंसे भारतीय कामगारों के लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इस कड़ी में कुछ कामगार लौट भी रहे हैं। इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सऊदी अरब में फंसे बेरोज़गार कामगारों से 25 सितंबर तक भारत लौटने की अपील की। उन्होंने कई ट्वीट्स कर कहा कि जो लोग कंपनियां बंद होने के कारण निकाल दिए गए हैं, वो अपना दावा दर्ज करा कर भारत लौट आएं। जो कामगार 25 सितंबर तक नहीं लौटेंगे, उन्हें वहां रहने-खाने और लौटने का इंतजाम ख़ुद करना होगा। विदेश मंत्री के मुताबिक सऊदी सरकार जब उन कंपनियों से हिसाब-किताब करेगी, तो दावे की रकम दिलवाई जाएगी। उन्होंने लिखा कि दावा तय होने में समय लगता है. तब तक वहां रहना लिए उचित नहीं होगा। दरअसल, अच्छी नौकरी और भारी भरकम तनख्वाह की हसरत लिए खाड़ी देशों का रुख करनेवाले कामगारों की तादाद लाखों में है। लेकिन क्या वहां वो बेहतर जिंदगी जी पाते हैं। या फिर उनका शोषण नहीं होता। अगर हम इसकी बात करें, तो मौजूदा सूरते हाल में ये सरासर गलत ही लगता है। सऊदी अरब की अलग-अलग कंपनियों में काम करने वाले भारतीयों के बेरोज़गार होने से मौजूदा संकट की शुरुआत...